सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे ॥


श्लोक – वक्रतुण्ड महाकाय,

सूर्यकोटि समप्रभ,

निर्विघ्नं कुरु मे देव,

सर्वकार्येषु सर्वदा ॥


सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

है अधूरे मेरे काज सब आप बिन,

पुरे करने प्रभु आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


हे गजानन बुद्धि के दाता हो तुम,

अपने भक्तो के भाग्य विधाता हो तुम,

फिर सोया विनायक मेरा भाग्य क्यों,

भाग्य मेरा जगाने को आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


शंकर के सुवन गौरा लाला हो तुम,

अपने भक्तो पे रहते कृपाला हो तुम,

ये मेरा मन यूँ तुम बिन बहकता है क्यों,

बरसाने कृपा आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


संग में लेके आओ वीणावादिनी,

जिसकी शक्ति से निकले मेरी रागिनी,

साथ में लाओ लक्ष्मीजी गजगामिनी,

रिद्धि सिद्धि भी ले आप आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥


सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

है अधूरे मेरे काज सब आप बिन,

पुरे करने प्रभु आज आ जाइये,

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें,

तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये ॥

........................................................................................................
कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया (Krishna Kanhaiya Bansi Bajaiya)

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,

घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

रामा रामा रटते रटते, बीती रे उमरिया (Rama Rama Ratate Ratate)

रामा रामा रटते रटते,
बीती रे उमरिया ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।