हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ ॥


कनक सिहासन रजत जोड़ी,

दशरथ नंदन जनक किशोरी,

युगल छबि को सदा निहारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


बाम भाग शोभित जग जननी,

चरण बिराजत है सुत अंजनी,

उन चरणों को सदा पखारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


आरती हनुमत के मन भाए,

राम कथा नित शिव जी गाए,

राम कथा हृदय में उतारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


चरणों से निकली गंगा प्यारी,

वंदन करती दुनिया सारी,

उन चरणों में शीश नवाऊँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


हे राजा राम तेरी आरती उतारूं,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥

........................................................................................................
धनतेरस की पौराणिक कथा

धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।

मैं ढूँढता तुझे था - प्रार्थना (Mai Dhundta Tujhe Tha: Prarthana)

मैं ढूँढता तुझे था, जब कुंज और वन में ।
तू खोजता मुझे था, तब दीन के सदन में ॥

गोगा नवमी (Goga Navami)

आज मनाई जा रही है गोगा नवमी, संतान सुख की प्राप्ति के लिए पूजे जाते हैं गोगा देव, सर्पभय से मिलती है मुक्ति

काल भैरव जंयती 2024

इस वर्ष 22 नवंबर को काल भैरव जयंती मनाई जाएगी, जो हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।