सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो (Sabse Pahle Manau Ganraj Gajanand Aa Jaiyo)

सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥


आज ये कैसी शुभ घड़ी आई,

अंगना में मोरे बजत बधाई,

मेरी रख लो सभा में लाज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बड़ा प्रेम से थाने मनाऊं,

मोदक को थाने भोग लगाऊं,

रिद्धि सिद्धि ने लाजो साथ,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


बल बुद्धि के तुम हो दाता,

जो कोई तुम्हरी शरण में आता,

मैं भी आया शरण में आज,

गजानंद आ जइयो,

सबसे पहले मनाऊ गणराज,

गजानंद आ जइयो ॥


सबसे पहले मनाऊँ गणराज,

गजानंद आ जइयो,

म्हारी विनती सुनो महाराज,

गजानंद आ जइयो ॥

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अनंत पूजा और विश्वकर्मा पूजा का विशेष संगम

17 सितंबर को एक खास दिन है, जब अनंत चतुर्दशी व्रत, अनंत पूजा और बाबा विश्वकर्मा पूजा एक साथ मनाए जाएंगे। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की विशेष आराधना का अवसर है। इन दोनों पूजा विधियों के धार्मिक महत्व और अनुष्ठानों पर आइए विस्तार से नजर डालते हैं

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे (Prabhu Ko Agar Bhuloge Bande Need Kahan Se Laoge)

प्रभु को अगर भूलोगे बन्दे,
बाद बहुत पछताओगे,

शनिवार को कष्ट कटे, मंगल हो मंगलवार(Saniwar Ko Kasht Kate Mangal Ho Mangalwar)

आ जाओ और किरपा पा लो,
हफ्ते में दो बार,

भगवान शिव क्यों बने थे भिखारी

संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

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