बिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा (Bihari Braj Mein Ghar Mera Basa Doge To Kya Hoga)

बिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा,

बसा दोगे तो क्या होगा, बसा दोगे तो क्या होगा,

कृपा करके जो वृंदावन बुला लोगे तो क्या होगा,

बिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा ॥


कभी तुम सामने आते कभी फिर दूर हो जाते, कभी फिर दूर हो जाते,

हमारे बीच का परदा हटा दोगे तो क्या होगा,

बिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा ॥


तेरा दीदार पाने को तरसती है मेरी नज़रे तरसती है मेरी नज़रे,

अगर दासी को चरनो से लगा लोगे तो क्या होगा,

बिहारी ब्रज में घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा ॥


बसा दोगे तो क्या होगा, बसा दोगे तो क्या होगा,

कृपा करके जो वृंदावन बुला लोगे तो क्या होगा॥


कृपा करके जो वृंदावन बुला लोगे तो क्या होगा,

बिहारी ब्रज मेी घर मेरा बसा दोगे तो क्या होगा ॥

........................................................................................................
Shri Saraswati Chalisa (श्री सरस्वती चालीसा)

जनक जननि पद कमल रज, निज मस्तक पर धारि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है (Sharan Mein Hum Tumhare Aa Pade Hai)

शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने