गल मोत्यां को हार, सिर चुनड़ चमकदार (Gal Motiyan Ko Haar Sir Chunad Chamakdar)

गल मोत्यां को हार,

सिर चुनड़ चमकदार,

थे कर सोलह श्रृंगार,

माँ बनड़ी सी लागो जी,

माँ बनड़ी सी लागो जी ॥


थारे हाथा सोणी चंगी,

माँ मेहंदी रची सुरंगी,

चुडले की खन खन न्यारी,

झांकी थारी सतरंगी,

मन मेरो मोह लियो है,

थारी पायल की झंकार,

गल मोत्या को हार,

सिर चुनड़ चमकदार,

थे कर सोलह श्रृंगार,

माँ बनड़ी सी लागो जी,

माँ बनड़ी सी लागो जी ॥


थारे माथे बिंदिया चमके,

नथनी में हीरो दमके,

थारे देख देख कर दादी,

भक्ता को मनडो हरखे,

जादू सो चढ़ गयो है,

मैं भूली माँ घर बार,

गल मोत्या को हार,

सिर चुनड़ चमकदार,

थे कर सोलह श्रृंगार,

माँ बनड़ी सी लागो जी,

माँ बनड़ी सी लागो जी ॥


थाने ‘स्वाति’ निरखन ताई,

थारे मन्दरिये में आई,

कवे ‘हर्ष’ देख कर थाने,

सुध बुध सारी बिसराई,

पलभर ना हटे निजरा,

मैं निरखु बारम्बार,

गल मोत्या को हार,

सिर चुनड़ चमकदार,

थे कर सोलह श्रृंगार,

माँ बनड़ी सी लागो जी,

माँ बनड़ी सी लागो जी ॥


गल मोत्यां को हार,

सिर चुनड़ चमकदार,

थे कर सोलह श्रृंगार,

माँ बनड़ी सी लागो जी,

माँ बनड़ी सी लागो जी ॥

........................................................................................................
महांकाल मेरी मंजिल, उज्जैन है ठिकाना (Mahakal Meri Manzil Ujjain Hai Thikana)

महाकाल मेरी मंजिल,
उज्जैन है ठिकाना,

मुझे दास बनाकर रख लेना (Mujhe Das Banakar Rakh Lena)

मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,

साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने