भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


जब जब तू भंगिया को,

हाथ से लगाए,

प्याले के रूप में तू,

मुझको ही पाए,

जैसा तू ढाले,

ढल जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


खोया रहूं भोले,

सेवा में तेरी,

अंतिम यही है,

अभिलाषा शिव मेरी,

धूल तेरे पग की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


कर दूँ ये जीवन,

मैं तुझको समर्पण,

तेरा दिया कर दूँ,

तुझको ही अर्पण,

नाम तेरा हर पल,

मैं गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥

........................................................................................................
ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते हैं (Na Jane Kaun Se Gun Par Dayanidhi Reejh Jate Hain)

ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते हैं ।

रक्षाबंधन की पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हालांकि, इस दिन भद्रा काल का साया भी रहेगा, जिसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होता।

जिसको जीवन में मिला सत्संग है (Jisko jivan Main Mila Satsang Hai)

जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं,
उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है ।

मंत्र जाप के नियम

हिंदू धर्म में मंत्र जाप को आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धता का माध्यम माना जाता है। मंत्र जाप ना सिर्फ मानसिक शांति प्रदान करता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने