भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


जब जब तू भंगिया को,

हाथ से लगाए,

प्याले के रूप में तू,

मुझको ही पाए,

जैसा तू ढाले,

ढल जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


खोया रहूं भोले,

सेवा में तेरी,

अंतिम यही है,

अभिलाषा शिव मेरी,

धूल तेरे पग की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


कर दूँ ये जीवन,

मैं तुझको समर्पण,

तेरा दिया कर दूँ,

तुझको ही अर्पण,

नाम तेरा हर पल,

मैं गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥

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जिसने राग-द्वेष कामादिक(Meri Bawana - Jisne Raag Dwesh Jain Path)

जिसने राग-द्वेष कामादिक,
जीते सब जग जान लिया

पहली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2025

सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास और पवित्र पर्व माना जाता है। यह दिन जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

बसंत पंचमी पर किस दिशा में करें पूजा

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। वहीं इस साल बसंत पंचमी 02 फरवरी को मनाया जाएगा।

मैं आया हूं तेरे द्वारे, गणराज गजानन प्यारे - भजन (Main Aaya Hoon Tere Dware Ganaraj Gajanan Pyare)

मैं आया हूँ तेरे द्वारे,
गणराज गजानन प्यारे ॥

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