भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


जब जब तू भंगिया को,

हाथ से लगाए,

प्याले के रूप में तू,

मुझको ही पाए,

जैसा तू ढाले,

ढल जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


खोया रहूं भोले,

सेवा में तेरी,

अंतिम यही है,

अभिलाषा शिव मेरी,

धूल तेरे पग की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


कर दूँ ये जीवन,

मैं तुझको समर्पण,

तेरा दिया कर दूँ,

तुझको ही अर्पण,

नाम तेरा हर पल,

मैं गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥


भस्म तेरे तन की,

बन जाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ,

शाम सुबह गुण तेरा,

गाऊं भोलेनाथ,

भक्ति में तेरी,

रम जाऊं भोलेनाथ ॥

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माता चंडी की पूजा विधि

मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।

रामयुग: जय हनुमान - हर हर है हनुवीर का (Jai Hanuman From Ramyug)

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

महालक्ष्म्यष्टकम् (Mahalakhtam)

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर,

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