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हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया
है सुखी मेरा परिवार, माँ तेरे कारण,
हो के नाचूं अब दिवाना, मैं प्रभु श्रीराम का,
हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान ॥
कल कल कल जहाँ निर्मल बहती, माँ गंगा की धार,
काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी,
है मतवाला मेरा रखवाला, लाल लंगोटे वाला,
है हारे का सहारा श्याम, लखदातार है तू ॥
है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे । अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ॥