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है अनुपम जिसकी शान, उसको कहते है हनुमान (Hai Anupam Jiski Shan Usko Kahte Hai Hanuman)

है अनुपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान,

अजी सुनो लगाकर कान,

सुनो लगाकर कान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


राजा राम की लाज बचाई,

लक्ष्मण के तुम जीवनदाई,

लंका को तुमने जलाया,

रावण का बाजा बजाया,

रखते हो तुम मान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


पवन देव के पुत्र कहाए,

अंजनी माँ के भाग्य जगाए,

एके हाथ सिद्धजन तारे,

दूजे हाथ असुर संहारे,

देखि तुम्हारी बान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


राम नाम की देत दुहाई,

अब तो मेरा कौन सहाई,

है इनके हम भक्त प्यारे,

लज्जा मान हाथ तुम्हारे,

हो सदा तेरा गुणगान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥


है अनुपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान,

अजी सुनो लगाकर कान,

सुनो लगाकर कान,

उसको कहते है हनुमान,

है अनूपम जिसकी शान,

उसको कहते है हनुमान ॥

रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

श्री ललीता माता चालीसा (Shri Lalita Mata Chalisa)

जयति जयति जय ललिते माता! तव गुण महिमा है विख्याता ।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी! सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।

माता महादेवी है नाम, विराजी दशरमन में (Mata Mahadevi Hai Naam Viraji Dasharman Main)

माता महादेवी है नाम,
विराजी दशरमन में,

नमो नमो शिवाय(Namo Namo Shivaay)

नमो नमो जय, नमो शिवाय
नमो नमो जय, नमो शिवाय

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