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है सहारा अब मुझे तो, राम सकल गुणधाम का (Hai Sahara Ab Mujhe To Ram Sakal Gundham Ka)

हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


कुटिया को पावन कर डाली,

शबरी के घर जाय के,

धन्य शबरी को कर डाली,

बैर झूठे खाय के,

अपने घर प्रभू को बुलाया,

नाम जप कर राम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तारी जैसे गौतम नारी,

एक ठोकर मार के,

मेरी भी किस्मत जगादो,

एक ठोकर मार के,

एक वर दे दो प्रभू जी,

मुझको भक्ति दान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


तुमने लाखों को है तारा,

मुझपे भी कर दो दया,

मैं हूं एक बालक छोटा सा,

शरण तुम्हारी आ गया,

‘शिव’ के घट में भी जलादो,

एक दीपक ज्ञान का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥


हो के नाचूं अब दिवाना,

मैं प्रभु श्रीराम का,

है सहारा अब मुझे तो,

राम सकल गुणधाम का,

है सहारा अब मुझें तो,

राम सकल गुणधाम का ॥

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं(Duniya Rachne Wale Ko Bhagwan Kehte Hain)

दुनियाँ रचने वाले को भगवान कहते हैं,<,br> और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं।

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला(Gajanan Ganesha Hai Gaura Ke Lala)

गजानन गणेशा है गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

मंगल मूरति राम दुलारे(Mangal Murati Ram Dulare)

मंगल मूरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।