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जय गणेश गणनाथ दयानिधि (Jai Ganesh Gananath Dayanidhi)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥


जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


प्रथम धरे जो ध्यान तुम्हारो,

तिसके पूरण कारज सारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


लंबोदर गजवदन मनोहर,

कर त्रिशूल परशू वर धारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ऋद्धि सिद्धि दोऊ चमर ढुलावे,

मूषक वाहन परम सुखारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ब्रहादिक सुर ध्यावत मन में,

ऋषि मुनिगण सब दास तुम्हारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।


ब्रह्मानंद सहाय करो नित

भक्तजनो के तुम रखवारे,

जय गणेश गणनाथ दयानिधि,

सकल विघन कर दूर हमारे ।

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए ।

रघुनन्दन राघव राम हरे (Raghunandan Raghav Ram Hare Dhun)

रघुनन्दन राघव राम हरे
सिया राम हरे सिया राम हरे ।

बसंत पंचमी पर पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

श्री कृष्ण चालीसा ( Shri Krishna Chalisa)

बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥

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