नवीनतम लेख

हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान (Hai Purushottam Shri Ram Karuna Nidhan Bhagwan)

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,

करूणानिधान भगवान ॥


दोहा – राम नगरीया राम की,

और बसे गंग के तीर,

अटल राज महाराज को,

चौकी हनुमत वीर।

चित्रकूट के घाट पर,

भई संतन की भीड़,

तुलसीदास चन्दन घिसे,

तिलक करे रघुवीर ॥


हे पुरुषोत्तम श्रीराम,

करूणानिधान भगवान,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ॥


जानकीनाथ लखन के भैया,

केवटिया तुम पार लगइया,

केवट की तुम तारी नैया,

तारो प्रभुजी मेरी नैया,

दशरथ नंदन राम,

दशरथ नंदन राम,

करूणानिधान भगवान,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ॥


पिता वचन वनवास सिधारे,

गिद्धराज निज धाम पधारे,

जनकराज संताप मिटाए,

चारों भैया ब्याह के आए,

जानकी वल्लभ राम,

जानकी वल्लभ राम,

करूणानिधान भगवान,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ॥


जब सुग्रीव शरण में आया,

अभयदान रघुवर से पाया,

तुलसी के प्रिय राम,

तुलसी के प्रिय राम,

करूणानिधान भगवान,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ॥


हे पुरुषोत्तम श्री राम,

करूणानिधान भगवान,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम,

तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ॥

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

जय गणेश जय गजवदन, कृपा सिंधु भगवान (Jai Ganesh Jai Gajvadan Kripa Sindhu Bhagwan)

जय गणेश जय गजवदन,
कृपा सिंधु भगवान ।

जरी की पगड़ी बांधे, सुंदर आँखों वाला (Jari Ki Pagri Bandhe Sundar Ankhon Wala)

जरी की पगड़ी बांधे,
सुंदर आँखों वाला,

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा (Aa Maan Aa Tujhe Dil Ne Pukaara)

आ माँ आ तुझे दिल ने पुकारा ।
दिल ने पुकारा तू है मेरा सहारा माँ ॥