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आओ सब महिमा गाये, मिल के हनुमान की (Aao Sab Mahima Gaaye Milke Hanuman Ki)

आओ सब महिमा गाये,

मिल के हनुमान की,

दुनिया दीवानी हो गई,

सालासर धाम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


राम नाम का बड़ा व्यापारी,

सेठों का है सेठ,

सेठों का है सेठ,

जब चाहे ये मौज बना दे,

कष्टों को दे मेट,

कष्टों को दे मेट,

करता ना लेट इनपे,

किरपा है राम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


आठों पहर चौबीसो घंटे,

राम नाम गुण गाता,

राम नाम गुण गाता,

सारे काम करे आसान है,

राम से सीधा नाता,

राम से सीधा नाता,

ह्रदय में राम समाए,

संग माता जानकी,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


इनकी मेहर का किसे पता है,

कब किस पर हो जाए,

कब किस पर हो जाए,

इसी आस विश्वास पे दुनिया,

तेरे दर पे आए,

तेरे दर पे आए,

बाबा ने बदली किस्मत,

देखो ‘बलराम’ की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥


आओ सब महिमा गाये,

मिल के हनुमान की,

दुनिया दीवानी हो गई,

सालासर धाम की,

दुनिया दिवानी हो गई,

सालासर धाम की ॥

मेरा श्याम बड़ा अलबेला (Mera Shyam Bada Albela)

मेरा श्याम बड़ा अलबेला,
मेरी मटकी में मार गया ढेला,

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की रमा नाम एकादशी (Kaartik Maas Kee Krshn Paksh Kee Rama Naam Ekaadashee)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर ने भगवान् से कहा-प्रभो ! अब आप कृपा करके कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के माहात्म्य का वर्णन करिये। पाण्डुनन्दन की ऐसी वाणी सुन भगवान् कृष्ण ने कहा-हे राजन् !

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

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