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आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,

हम तो इस काबिल ही ना थे,

ये कदर दानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


मैं तो तुम से हर तरह,

होकर अलग भागा रहा,

इस जहाँ के दौर मैं,

अटका रहा भटका रहा,

लगा लिया मुझको गले से,

ये रवानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


कहाँ है तू और कहाँ हूँ मैं,

ये मिलना भी क्या हो सकता था,

कर कर गुनाह इस तमाश गाहे आलम मैं,

मैं भटका रहा,

बे-सबब हो गई ये रेहमतानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


अब तो प्यारे आपके कदमों पे

सर को मैंने रख दिया,

हम इनायत हम नवाजिश,

इस करम का शुक्रिया,

तुम हमारे हम तुम्हारे,

ये जिंदगानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


बरसो से उजड़ा पड़ा था,

मेरे दिल का ये चमन,

उजड़ी बगिया खिल उठी,

जब हो गया तेरा आगमन,

आप ने जो गुल खिलाया,

मेहरबानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,

हम तो इस काबिल ही ना थे,

ये कदर दानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी (Door Nagari Badi Door Nagri)

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हैया,

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी स्त्रोत

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

दिवाली से पहले हनुमान पूजा

हनुमान पूजा या जयंती को लेकर लोगों के मन में हमेशा संशय रहता है, क्योंकि साल में दो बार हनुमान जयंती मनाई जाती है।

हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा
म्हारे आंगन आप पधारो जी,

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