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आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,

हम तो इस काबिल ही ना थे,

ये कदर दानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


मैं तो तुम से हर तरह,

होकर अलग भागा रहा,

इस जहाँ के दौर मैं,

अटका रहा भटका रहा,

लगा लिया मुझको गले से,

ये रवानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


कहाँ है तू और कहाँ हूँ मैं,

ये मिलना भी क्या हो सकता था,

कर कर गुनाह इस तमाश गाहे आलम मैं,

मैं भटका रहा,

बे-सबब हो गई ये रेहमतानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


अब तो प्यारे आपके कदमों पे

सर को मैंने रख दिया,

हम इनायत हम नवाजिश,

इस करम का शुक्रिया,

तुम हमारे हम तुम्हारे,

ये जिंदगानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


बरसो से उजड़ा पड़ा था,

मेरे दिल का ये चमन,

उजड़ी बगिया खिल उठी,

जब हो गया तेरा आगमन,

आप ने जो गुल खिलाया,

मेहरबानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥


आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,

हम तो इस काबिल ही ना थे,

ये कदर दानी आपकी,

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी॥

जबलपुर में काली विराजी है(Jabalpur Mein Kali Viraji Hai)

जबलपुर में काली विराजी है,
तरसे मोरी अंखियां,

विसर नाही दातार अपना नाम देहो - शब्द कीर्तन (Visar Nahi Datar Apna Naam Deho)

गुण गावा दिन रात गुण गवा,
विसर नाही दातार अपना नाम देहो,

उत्पन्ना एकादशी का चालीसा

उत्पन्ना एकादशी सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। वैसे तो हर माह में दो एकादशी आती है, लेकिन उत्पन्ना एकादशी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का जन्म हुआ था।

उगादि 2025 कब मनाई जाएगी

हिंदू पंचांग के अनुसार, उगादि पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इसे हिन्दू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। इसलिए इसकी तिथि और मुहूर्त जानना बहुत जरूरी होता है।

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