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ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम (Aisi Suwah Na Aye, Aye Na Aisi Sham)

शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम।

शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥


ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम।

जिस दिन जुबा पे मेरी, आए ना शिव का नाम॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


मन मंदिर में वास है तेरा, तेरी छवि बसाई।

प्यासी आत्मा बनके जोगन, तेरी शरण में आई।

तेरी ही शरण में पाया, मैंने यह विश्राम॥ ऐसी सुबह ना आए॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


तेरी खोज में ना जेने, कितने युग मेरे बीते।

अंत में काम क्रोध मद हारे, हे भोले तुम जीते।

मुक्त किया तूने प्रभु मुझको, शत शत है प्रणाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥


ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥


सर्व कला संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर।

दर्शन देकर धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर।

भाव सागर से तर जाउंगी, लेकर तेरा नाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥

शेरावाली का लगा है दरबार (Sherawali Ka Laga Hai Darbar)

शेरावाली का लगा है दरबार,
जयकारा माँ का बोलते रहो,

भानु सप्तमी का व्रत क्यों रखा जाता है

हर माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर यदि रविवार होता है, तो उस दिन भानु सप्तमी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष मास में ये विशेष संयोग 08 दिसंबर, रविवार को बन रहा है।

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,
भोलेनाथ तेरी भंगिया,

मेरे शंकर भोले भाले, बेड़ा पार लगाते है(Mere Shankar Bhole Bhale Beda Paar Lagate Hai)

मेरे शंकर भोले भाले,
बेड़ा पार लगाते है,

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