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बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया (Baba Baijnath Hum Aael Chhi Bhikhariya)

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया,

अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥


अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

अइलों बड़ बड़ आस लगायल,

होहियो हमरा पर सहाय,

एक बेरी फेरी दियौ,

हो एक बेरी फेरी दियौ,

गरीब पर नजरिया,

अहाँ के दुअरिआ ना ॥


हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

हम बाघम्बर झारी ओछायब,

डोरी डमरू के सरियाएब,

कखनो झारी बुहराब,

हो कखनो झारी बुहराब,

बसहा के डगरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

हम गंगाजल भरी भरी लायब,

बाबा बैजू के चढ़ायब,

बेलपत चन्दन हो बेलपत चन्दन,

चढ़ायब फूल केसरिया,

अहाँ के दुअरिया ना ॥


कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

कतेक अधम के अहाँ तारलों,

कतेक पतित के उबारलों,

बाबा एक बेर फेरी दियौ,

हमरो पर नजरिया, अहाँ के दुअरिया ना,

बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी,

भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना ॥

होलिका दहन की राख से धनलाभ

होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है, इसे छोटी होली भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और सच्ची भक्ति का प्रतीक है।

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम - शब्द कीर्तन (Swasa Di Mala Nal Simaran Main Tera Nam)

स्वांसां दी माला नाल सिमरन मैं तेरा नाम,
तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम तेरा नाम,

Gokul Ki Har Gali Mein Mathura Ki Har Gali Me Lyrics (गोकुल की हर गली मे, मथुरा की हर गली मे)

गोकुल की हर गली मे,
मथुरा की हर गली मे ॥

अन्नपूर्णा जयंती के दिन उपाय

सनातन धर्म में माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है। इसलिए, हर साल मार्गशीर्ष माह में अन्नपूर्णा जयंती मनायी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती धरती पर मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं।

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