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बाबा ये नैया कैसे डगमग डोली जाये (Baba Ye Naiya Kaise Dagmag Doli Jaye)

बाबा ये नैया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


दूर दूर नहीं दिखे किनारा,

लहरे भी बिसराए,

बादल भी है गरज रहे और,

मुझको रहे डराए,

जबकि मैं ये सोच रहा तू,

अब आए तब आए,

बाबा ये नईया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


दुनिया है इक रंग मंच और,

तू इसका निर्देशक,

तू ही बनाए तू ही मिटाए,

तू ही इसका विशेषज्ञ,

फिर क्यों ये तेरे हाथ के पुतले,

मुझको आँख दिखाए,

बाबा ये नईया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


तुझको ही मैं समझूँ अपना,

बाकी सब है पराए,

तेरे हाथों सबकुछ सम्भव,

तू ही लाज बचाए,

कर दे एक इशारा नैया,

पार मेरी हो जाए,

बाबा ये नईया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


तीन बाण तरकश में तेरे,

चले तो ना रुक पाए,

भेदे तू पत्तो की तरह फिर,

कोई भी ना बच पाए,

भेदो तुम ‘निर्मल’ की विपदा,

पास मेरे ना आए,

बाबा ये नईया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


बाबा ये नैया कैसे,

डगमग डोली जाए,

बिन माझी पतवार के इसको,

तू ही पार लगाए,

॥ बाबा ये नैया कैसे..॥


खाटू वाला खुद खाटू से, तेरे लिए आएगा(Khatu Wala Khud Khatu Se Tere Liye Aayega)

खाटू वाला खुद खाटू से,
तेरे लिए आएगा,

जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ,
जय हो भोले शंकर,

होली भाई दूज की कथा

सनातन धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है होली भाई दूज, जिसे "यम द्वितीया" भी कहा जाता है।

मशीनरी स्थापना की पूजा विधि

किसी भी व्यापारी के जीवन में मशीनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका पूरा व्यवसाय और रोजगार मशीनों पर निर्भर करता है। इसलिए इन मशीनों का विशेष ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी बन जाती है। यही कारण है कि भारत में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में मशीनरी पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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