नवीनतम लेख

बड़े बलशाली है, बाबा बजरंग बली(Bade Balshali Hai Baba Bajrangbali)

जड़ से पहाड़ों को,

डाले उखाड़,

थर्राते त्रिभुवन,

जब मारे दहाड़,

बड़े बलशाली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


भूत प्रेत कांपे,

नाम सुनते महावीर का जब,

दम दानवो के निकलते,

याद आती है रणधीर की जब,

लाल ही तन लाल बदन,

लाली भी निराली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


दे मुद्रिका माँ सिया को,

शोक मोह सारा उनका निबारा,

फल खाये उपवन उजाड़ा,

दुष्ट अक्षय पटक करके मारा,

लंका जला अंजनी लला,

पूँछ जल में बुझा ली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


संजीवनी संग पूरा,

द्रोणागिरी उठाकर के लाये,

लंका से ला बैध जी को,

प्राण भ्रात लखन के बचाये,

सियाराम मन में देख लो,

छाती चीर डाली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


राम सब काम करते,

सब जियें राम के ही सहारे,

पर आपने तो है हनुमत,

काम सब राम के भी सवारे,

खाली कोई लौटा नहीं,

गर का सवाली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


भक्त वत्सल दीनानाथ हनुमत,

दीन बंधू दया चाहता है,

चरणों का चेला ‘मयंक’ है,

कृपा भिक्षा सदा मांगता है,

सरकार के दरबार से,

कोई जाता ना खाली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


जड़ से पहाड़ों को,

डाले उखाड़,

थर्राते त्रिभुवन,

जब मारे दहाड़,

बड़े बलशाली है,

बाबा बजरंग बली,

इनकी महिमा निराली है,

बाबा बजरंगी बली ॥


भोला नही माने रे नहीं माने (Bhola Nai Mane Re Nahi Mane)

भोला नही माने रे नहीं माने,
मचल गए नचबे को,

विवाह पंचमी पर क्या दान करें?

विवाह पंचमी का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी का पर्व सभी तिथियों में शुभ माना गया है। इस तिथि आदर्श दांपत्य जीवन का उदाहरण हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति के विवाह में कोई परेशानी आ रही है, तो इस दिन विधिवत रूप से राम जी और जानकी माता की पूजा की जाती है।

दिखाऊं कोनी लाड़लो, नजर लग जाए(Dikhao Koni Ladlo Najar Lag Jaaye)

दिखाऊं कोनी लाड़लो,
नजर लग जाए,

महाशिवरात्रि 2025 कब है

सनातन हिंदू धर्म में, महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह फरवरी या मार्च महीने में आती है।

यह भी जाने