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जिन पर कृपा राम करे (Jin Par Kirpa Ram Kare)

राम नाम आधार जिन्हें,

वो जल में राह बनाते हैं,

जिन पर कृपा राम करें,

वो पत्थर भी तिर जाते हैं ॥


लक्ष्य राम जी सिद्धि राम जी,

राम ही राह बनायी,

राम कर्म हैं राम ही कर्ता,

राम की सकल बड़ाई

राम काम करने वालों में,

राम की शक्ति समायी,

पृथक पृथक नामो से,

सारे काम करें रघुराई,

भक्त परायण निज भक्तो को,

सारा श्रेय दिलाते है,

जिन पर कृपा राम करें,

वो पत्थर भी तिर जाते हैं ॥


घट घट बसके आप ही अपना,

नाम रटा देते है,

नाम रटा देते है,

हर कारज में निज भक्तो का,

हाथ बटा देते है,

हाथ बटा देते है,

बाधाओं के सारे पथ्थर,

राम हटा देते है,

अपने ऊपर लेकर उनका,

भार घटा देते है,

पथ्थर क्या प्रभु तीनो लोक का,

सारा भार उठाते है,

जिन पर कृपा राम करें,

वो पत्थर भी तिर जाते हैं ॥


राम नाम आधार जिन्हें,

वो जल में राह बनाते हैं,

जिन पर कृपा राम करें,

वो पत्थर भी तिर जाते हैं ॥

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से, गंगा की धारा बहती है (Shiv Shankar Tumhari Jatao Se Ganga Ki Dhara Behti Hai)

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,

भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान कैसे मिला?

वेदों के रचयिता वेदव्यास जी ने महाभारत महाकाव्य की रचना की है। इस महाकाव्य में प्रमुख स्तंभ भीष्म पितामह को बताया गया है। हस्तिनापुर के राजा शांतनु का विवाह देवी गंगा से हुआ था।

श्री कृष्ण चालीसा ( Shri Krishna Chalisa)

बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का (Tune Ajab Racha Bhagwan Khilona Mati Ka)

तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का,
माटी का रे, माटी का,