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बजरंगबली मेरी नाव चली (Bajarangabali Meri Nav Chali)

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥


दुखों के बादल गिर आयें,

लहरों मे हम डूबे जाएँ ।

हनुमत लाला, तू ही रखवाला,

दीनो को आज बचा लेना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


सुख देवनहारा नाम तेरा,

पग पग पर सहारा नाम तेरा ।

भव भयहारी, हे हितकारी,

कष्टों से आज छुड़ा देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


हे अमरदेव, हे बलवंता,

तुझे पूजे मुनिवर सब संता ।

संकट हारना लागे शरणा,

श्री राम से मोहे मिला देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥

सब देव चले महादेव चले(Sab Dev Chale Mahadev Chale)

सब देव चले महादेव चले,
ले ले फूलन के हार रे,

राहो में फूल बिछाऊँगी(Raho Mein Phool Bichaungi)

राहों में फूल बिछाऊँगी,
जब राम मेरे घर आएंगे,

जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है (Jo Bhi Bhala Bura Hai Shri Ram Jante Hain)

जो भी भला बुरा है,
श्री राम जानते है,

मौनी अमावस्या क्यों रखा जाता है मौन व्रत

मौनी अमावस्या पर मौन रहने का नियम है। सनातन धर्म शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।

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