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बजरंगबली मेरी नाव चली (Bajarangabali Meri Nav Chali)

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥


दुखों के बादल गिर आयें,

लहरों मे हम डूबे जाएँ ।

हनुमत लाला, तू ही रखवाला,

दीनो को आज बचा लेना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


सुख देवनहारा नाम तेरा,

पग पग पर सहारा नाम तेरा ।

भव भयहारी, हे हितकारी,

कष्टों से आज छुड़ा देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


हे अमरदेव, हे बलवंता,

तुझे पूजे मुनिवर सब संता ।

संकट हारना लागे शरणा,

श्री राम से मोहे मिला देना ॥

बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।


बजरंगबली मेरी नाव चली,

करुना कर पार लगा देना ।

हे महावीरा हर लो पीरा,

सत्माराग मोहे दिखा देना ॥

अहोई अष्टमी का महत्व और मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। यह व्रत माताओं के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन माताएं अपने पुत्रों की कुशलता और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए निर्जला व्रत करती हैं।

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