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बांके बिहारी हमें भूल ना जाना (Banke Bihari Hame Bhul Na Jana)

बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


जपते रहे हम नाम तुम्हारा,

छूटे कभी ना हमसे वृन्दावन प्यारा,

होता रहे तेरे दर पे आना जाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


भक्ति की ऐसी लगन लगा दो,

संतो की सेवा का भाव जगा दो,

हर वर्ष उत्सव अपना यूँ ही मनवाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


कथा कीर्तन से होता जीवन पवित्र,

साधन बताते यही ‘चित्र विचित्र’,

यूँ ही लुटाना अपनी किरपा का खजाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


बांके बिहारी हमें भूल ना जाना,

जल्दी जल्दी वृन्दावन,

हमको बुलाना,

बांके बिहारी हमे भूल ना जाना ॥


श्री सूर्य देव चालीसा (Shri Surya Dev Chalisa)

कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे - भजन (Kanhaiya Kanhaiya Pukara Karenge Lataon Me Brij Ki Gujara Karenge)

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे,
लताओं में बृज की गुजारा करेंगे।

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी (Darshan Do Ghansyam Nath Mori Akhiyan Pyasi Re)

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,
अँखियाँ प्यासी रे ।

श्री महालक्ष्मी व्रत कथा

(यह व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को आरम्भ करके आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को समापन किया जाता है।)

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