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बाँके बिहारी की बाँसुरी बाँकी (Banke Bihari Ki Bansuri Banki)

बाँके बिहारी की बाँसुरी बाँकी,

पे सुदो करेजा में घाव करे री,

मोहन तान ते होए लगाव तो,

औरन ते अलगाव करे री,

गैर गली घर घाट पे घेरे,

गैर गली घर घाट पे घेरे,

कहाँ लगी कोउ बचाउ करे री,

जादू पड़ी रस भीनी छड़ी मन,

पे तत्काल प्रभाव करे री,

जादू पड़ी रस भीनी छड़ी मन,

पे तत्काल प्रभाव करे री ॥


मोहन नाम सो मोह न जानत,

दासी बनायीं के देत उदासी,

छोड़ चली धन धाम सखी सब,

बाबुल मैया की पाली पनासी,

एक दिना की जो होए तो झेले,

एक दिना की जो होए तो झेले,

सतावत बांसुरी बारह मासी,

सोने की होती तो का गति होती,

भई गल फांसी जे बाँस की बांसी ॥


कानन कानन बाजी रही अरु,

कानन कानन देत सुनाई,

कान ना मानत पीर ना जानत,

का करे कान करे अब माई,

हरि अधरमृत पान करे,

हरि अधरमृत पान करे,

अभिमान करे देखो बांस की जाइ,

प्राण सबे के धरे अधरान,

हरी जब ते अधरान धराई ॥


चोर भयो नवनीत के ले अरु,

प्रीत के ले बदनाम भयो री,

राधिका रानी के दूधिया रंग ते,

रंग मिलायो तो श्याम भयो री,

काम कलानिधि कृष्ण की कांति के,

काम कलानिधि कृष्ण की कांति के,

कारन काम अकाम भयो री,

प्रथमाकर बनवारी को ले,

रजखण्ड सखी ब्रजधाम भयो री ॥


बाँके बिहारी की बाँसुरी बाँकी,

पे सुदो करेजा में घाव करे री,

मोहन तान ते होए लगाव तो,

औरन ते अलगाव करे री ॥


हे शिव भोले भंडारी(Hey Shiv Bhole Bhandari)

हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,

हाथ जोड़ विनती करू तो सुनियो चित्त लगाये - विनती भजन (Shyam Puspanjali Shri Khatu Shyamji Vinati)

हाथ जोड़ विनती करूं सुणियों चित्त लगाय,
दास आ गयो शरण में रखियो इसकी लाज,

क्या करे इन हाथों का, इतने इतने हाथ (Kya Karein In Hathon Ka Itne Itne Haath)

क्या करे इन हाथों का,
इतने इतने हाथ,

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

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