नवीनतम लेख

बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी (Banto Banto Mithai Manao Khushi)

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी,

मुँह मीठा करवाओ अवध वासियो ।

आज वन से अवध आ रहे है प्रभु,

दीप माला सजाओ अवध वासियो ।


आ रहे राम रावण का संगार कर,

पापी असुरो से धरती का उधार कर,

काली कजरारी रजनी अमावस्या की,

इसे रोशन बनाओ अवध वासियो,

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।


माता सीता सहित श्री लखन याम्वन्त,

वीर हनुमान सुग्रीव अंगद के संग,

वो भी लंका पति श्री बीविशन को भी,

अपने वन का कराओ अवध वासियो,

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।


आ रहा राम का राज्ये गूंजे ये स्वर,

झूमे कुलदीप सरयू की पावन लहर,

पुष्प वर्षा करे देव देवेंदर संग,

धरती माँ को सजाओ अवध वासियो

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,

सकट चौथ व्रत कथा

सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ व्रत कथा का पाठ करना भी अनिवार्य माना जाता है। ऐसा करने से व्रतधारी को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन से सभी संकट दूर हो जाते हैं।

रुक्मिणी अष्टमी पूजा विधि

सनातन धर्म के लोगों की भगवान कृष्ण से खास आस्था जुड़ी है। कृष्ण जी को भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना जाता है, जो धैर्य, करुणा और प्रेम के प्रतीक हैं।

भीष्म अष्टमी की पूजा विधि

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ‘भीष्म अष्टमी’ कहा जाता है।

यह भी जाने