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बांटो बांटो मिठाई मनाओ ख़ुशी (Banto Banto Mithai Manao Khushi)

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी,

मुँह मीठा करवाओ अवध वासियो ।

आज वन से अवध आ रहे है प्रभु,

दीप माला सजाओ अवध वासियो ।


आ रहे राम रावण का संगार कर,

पापी असुरो से धरती का उधार कर,

काली कजरारी रजनी अमावस्या की,

इसे रोशन बनाओ अवध वासियो,

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।


माता सीता सहित श्री लखन याम्वन्त,

वीर हनुमान सुग्रीव अंगद के संग,

वो भी लंका पति श्री बीविशन को भी,

अपने वन का कराओ अवध वासियो,

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।


आ रहा राम का राज्ये गूंजे ये स्वर,

झूमे कुलदीप सरयू की पावन लहर,

पुष्प वर्षा करे देव देवेंदर संग,

धरती माँ को सजाओ अवध वासियो

बांटो बांटो मिठाई मनाओ खुशी ।

मुझे चरणो से लगा ले, मेरे श्याम मुरली वाले (Mujhe Charno Se Lagale Mere Shyam Murliwale)

मुझे चरणो से लगा ले,
मेरे श्याम मुरली वाले,

विष्णु चालीसा पाठ

शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी पाप समाप्त होते हैं।

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो(Sari Duniya Me Aanand Chayo Kanha Ko Janamdin Aayo)

सारी दुनिया में आनंद छायो,
कान्हा को जन्मदिन आयो ॥

शबरी जयंती क्यों मनाई जाती है?

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है, जो भगवान राम और उनकी भक्त शबरी के बीच के पवित्र बंधन का प्रतीक है।

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