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बेगा सा पधारो जी, सभा में म्हारे आओ गणराज (Bega Sa Padharo Ji Sabha Mein Mhare Aao Ganraj)

बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भक्त खड़े था की बाट निहारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

भव सागर से क्यों नहीं तारे,

देर ना लगाओ जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


विघन विनायक रूप तिहारो,

विघन विनायक रूप तिहारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

मेरे गणपति कष्ट निवारो,

हमको तारो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


‘अवि’ की नैया पार लगाओ,

भक्तों की नैया पार लगाओ,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

राग पहाड़ी में विनती गायो,

सुर को सम्भालो ना,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥


बेगा सा पधारो जी,

सभा में म्हारे आओ गणराज,

थे बेगा पधारो जी ॥

शिव जी बिहाने चले, पालकी सजाई के (Shiv Ji Bihane Chale Paalki Sajaaye Ke)

शिव जी बिहाने चले,
पालकी सजाई के,

नर्मदा नदी की कथा

नर्मदा नदी पहाड़, जंगल और कई प्राचीन तीर्थों से होकर गुजरती हैं। वेद, पुराण, महाभारत और रामायण सभी ग्रंथों में इसका जिक्र है। इसका एक नाम रेवा भी है। माघ माह में शुक्ल पक्ष सप्तमी को नर्मदा जयन्ती मनायी जाती है।

झूलेलाल जयंती 2025 कब है

चेटीचंड, सिंधी समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जिसे सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।

भगवा रंग चढ़ा है ऐसा, और रंग ना भाएगा (Bhagwa Rang Chadha Hai Aisa Aur Rang Na Bhayega)

भगवा रंग चढ़ा है ऐसा,
और रंग ना भाएगा,

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