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भादी मावस है आई(Bhadi Mawas Hain Aai)

भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


चम चम चमकातो मुखडो,

काना में कुंडल हो,

काना में कुंडल हो,

हिवड़ो हरसायो म्हारो,

भला पधारया हो,

भला पधारया हो,

बिंदिया चमके माथा में,

चुड़लो खनके हाथां में,

अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


गंगा जल झारी थारा,

चरण पखारा हो,

चरण पखारा हो,

उँचे सिंहासन बैठी,

आरती उतारा हो,

आरती उतारा हो,

मेहंदी लगावा थारे,

चुनड़ी ओढावा थाने,

फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


जो थाने भावे मैया,

भोग लगावा हो,

भोग लगावा हो,

रूच रूच जिमो दादी जी,

परदो लगावा हो,

परदो लगावा हो,

भजन सुनावा थाने,

गाकर रिझावा थाने,

कीर्तन में देखण थाने आंगणे,

ओ दादी कीर्तन में देखण थाने आंगणे ॥


भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


तेरी तुलना किससे करूं माँ(Teri Tulna Kisse Karu Maa)

तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,

कहकर तो देख माँ से, दुःख दर्द तेरे दिल के (Kah Kar To Dekh Maa Se Dukh Dard Tere Dil Ke)

कहकर तो देख माँ से,
दुःख दर्द तेरे दिल के,

बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ,
हनुमान चले आओ,

माघ गुप्त नवरात्रि के उपाय

साल में दो बार गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। गुप्त नवरात्र मां दुर्गा को समर्पित पर्व है। इस दौरान लोग 10 महाविद्याओं की उपासना करते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए व्रत भी किया जाता है।

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