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भोले भाले डमरू वाले - भजन (Bhole Bhale Damaru Wale)

भोले भाले डमरू वाले,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया,

तेरी शरण में आ गया,

तेरी शरण में आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


जटाजूट में गंग तेरे,

गल सोहे मुंडन माला,

डम डम डमरू बाज रहा,

हाथ त्रिशूल लिए भाला,

कैलाशी काशी के वासी,

जग के पालन हार,

शरण तेरी आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


आक धतूरा भोग लगे,पीते भर भर भंग प्याला,

भस्मी रमाए बैठे है,

लिपटा है गल में काला,

कर में बिच्छू चंद्र भाल पर,

करता है उजियार,

शरण तेरी आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


बाघम्बर को धार लिया,

योगेश्वर है मतवाला,

गिरिजा मैया संग सोहे,

पुत्र तेरा है दूंडाला,

सुर नर देव मुनिवर किन्नर,

करते है जयकार,

शरण तेरी आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


भक्त तेरा दर पे आया,

भोले बाबा त्रिपुरारी,

सबकी नैया पार करो,

द्वार खड़े है नर नारी,

ज्ञान भक्ति के देने वाले,

भर देओ भंडार,

शरण तेरी आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


भोले भाले डमरू वाले,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया,

तेरी शरण में आ गया,

तेरी शरण में आ गया,

भोले भाले डमरू वालें,

नंदी के असवार,

शरण तेरी आ गया ॥


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मां चंडी जो विशेष रूप से शक्ति, दुर्गा और पार्वती के रूप में पूजी जाती हैं। उनका रूप रौद्र और उग्र होता है, और वे शत्रुओं का नाश करने वाली, बुराई का विनाश करने वाली और संसार को शांति देने वाली देवी के रूप में पूजा जाती हैं।

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