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भोले दी बरात - भजन (Bhole Di Baraat)

भोले दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के,

हो सारीया ने सारीया ने,

सारीया ने भगत पियारिया ने,

भोलें दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के ॥


ब्रह्मा विष्णु खुशी मनांदे,

देवी देव जयकारे लौंदे,

बन के बाराती आए,

सज धज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के।

भोलें दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के ॥


भोले वखरा रूप बणाया,

गौरा मैया नाल ब्याह रचाया,

वेखनु ने आए सारे,

भज भज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के।

भोलें दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के ॥


महिमा शिव दी कहे ‘शिवानी’,

साज भी ना थकदे,

बज बज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के।

भोलें दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के ॥


भोले दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के,

हो सारीया ने सारीया ने,

सारीया ने भगत पियारिया ने,

भोलें दी बरात चढ़ी,

गज वज के,

सारीया ने भंग पीती,

रज रज के ॥

लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,
आ जाओ गजानन प्यारे,

भूतड़ी अमावस्या के उपाय

चैत्र मास की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहते हैं। यह तिथि पितृ तर्पण, श्राद्ध और खास उपायों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम(Sanso Ki Mala Pe Simru Main Pee Ka Naam)

साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,

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