नवीनतम लेख

चदरिया झीनी रे झीनी - भजन (Chadariya Jhini Re Jhini)

दोहा:

कबीरा जब हम पैदा हुए,

जग हँसे हम रोये,

ऐसी करनी कर चलो,

हम हँसे जग रोये।


चदरिया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


अष्ट कमल का चरखा बनाया,

पांच तत्व की पूनी,

नौ दस मास बुनन को लागे,

मूरख मैली किनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


जब मोरी चादर बन घर आई,

रंगरेज को दिनी,

ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,

के लालो लाल कर दिनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


चादर ओढ़ शंका मत करियो,

ये दो दिन तुमको दिनी,

मूरख लोग भेद नहीं जाने,

दिन दिन मैली किनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी,

शुकदेव ने निर्मल किनी,

दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,

ज्यो की त्यों धर दिनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

महाशिवरात्रि पर शिवजी को क्या चढ़ाएं

महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जब तें रामु ब्याहि घर आए(Jab Te Ram Bhayai Ghar Aaye)

श्री गुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।

माँ गौरी के लाल गजानन(Maa Gauri Ke Lal Gajanan)

माँ गौरी के लाल गजानन,
आज आओ पधारो मेरे आँगन,

यह भी जाने