नवीनतम लेख

चदरिया झीनी रे झीनी - भजन (Chadariya Jhini Re Jhini)

दोहा:

कबीरा जब हम पैदा हुए,

जग हँसे हम रोये,

ऐसी करनी कर चलो,

हम हँसे जग रोये।


चदरिया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


अष्ट कमल का चरखा बनाया,

पांच तत्व की पूनी,

नौ दस मास बुनन को लागे,

मूरख मैली किनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


जब मोरी चादर बन घर आई,

रंगरेज को दिनी,

ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,

के लालो लाल कर दिनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


चादर ओढ़ शंका मत करियो,

ये दो दिन तुमको दिनी,

मूरख लोग भेद नहीं जाने,

दिन दिन मैली किनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी,

शुकदेव ने निर्मल किनी,

दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,

ज्यो की त्यों धर दिनी,

चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥


चदरीया झीनी रे झीनी,

राम नाम रस भीनी,

चदरीया झीनी रे झीनी ॥

ललिता जयंती 2025 कब है

माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। बता दें कि ललिता व्रत, शरद नवरात्रि के पाँचवें दिन किया जाता है।

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि(Ki Ban Gaye Nandlal Lilihari)

कि बन गए नन्दलाल लिलिहारि,
री लीला गुदवाय लो प्यारी ।

सावन में श्याम बिहारी, झूलेंगे कृष्ण मुरारी(Sawan Mein Shyam Bihari Jhulenge Krishna Murari)

सावन में श्याम बिहारी,
झूलेंगे कृष्ण मुरारी,

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप (Hamara Pyara Hindudweep)

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप,
अब उठो जगो हे आर्यवीर! उत्ताल प्रचंड समरसिन्धु समीप,

यह भी जाने