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चलो सालासर भक्तों, बाबा का बुलावां आ गया (Chalo Salasar Bhakto Baba Ka Bulawa Aa Gaya)

बाबा का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तो,

वहां बैठे अंजनी लाल,

करते इक पल में कमाल,

अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहूं,

भक्तों के मन को भा गया,

चलो सालासर भक्तों,

हनुमत का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


वहां बजते ढोल नगाड़े,

नाचे हैं भक्त प्यारे,

हैं रंग गुलाल उड़ाएं,

मस्ती में झूमे जाएँ,

भक्तों को खूब नचा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


कोई पैदल चलके जाए,

हाथों में ध्वजा उठाये,

बाबा को खूब रिझायें,

जयकारे खूब लगाएं,

बाबा पल में ख़ुशी दिखा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


‘मोना प्रिंस’ भी दर पे जाएँ,

चरणों में शीश झुकाएं,

हैं सवामणि लगवाएं,

है दर पे ज्योत जगाएं,

संकट को दूर भगा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


बाबा का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तो,

वहां बैठे अंजनी लाल,

करते इक पल में कमाल,

अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहूं,

भक्तों के मन को भा गया,

चलो सालासर भक्तों,

हनुमत का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


नारायणी शरणम्(Narayani Sharanam)

नारायणी शरणम
दोहा – माँ से भक्ति है,

राम नाम ना गाया तूने, बस माया ही जोड़ी (Ram Naam Na Gaya Tune Bas Maya Hi Jodi)

राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

प्राण त्यागने से पहले भीष्म ने क्या कहा था?

सनातन धर्म में भीष्म अष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनेक शिक्षाएं निहित हैं। महाप्रतापी योद्धा भीष्म पितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था, जिसके कारण वे अपनी इच्छा से प्राण त्याग सकते थे।

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