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चलो सालासर भक्तों, बाबा का बुलावां आ गया (Chalo Salasar Bhakto Baba Ka Bulawa Aa Gaya)

बाबा का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तो,

वहां बैठे अंजनी लाल,

करते इक पल में कमाल,

अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहूं,

भक्तों के मन को भा गया,

चलो सालासर भक्तों,

हनुमत का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


वहां बजते ढोल नगाड़े,

नाचे हैं भक्त प्यारे,

हैं रंग गुलाल उड़ाएं,

मस्ती में झूमे जाएँ,

भक्तों को खूब नचा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


कोई पैदल चलके जाए,

हाथों में ध्वजा उठाये,

बाबा को खूब रिझायें,

जयकारे खूब लगाएं,

बाबा पल में ख़ुशी दिखा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


‘मोना प्रिंस’ भी दर पे जाएँ,

चरणों में शीश झुकाएं,

हैं सवामणि लगवाएं,

है दर पे ज्योत जगाएं,

संकट को दूर भगा गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


बाबा का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तो,

वहां बैठे अंजनी लाल,

करते इक पल में कमाल,

अब मैं इससे ज़्यादा क्या कहूं,

भक्तों के मन को भा गया,

चलो सालासर भक्तों,

हनुमत का बुलावा आ गया,

चलो सालासर भक्तों,

बाबा का बुलावां आ गया,

चलो सालासर भक्तों ॥


क्यों रखते हैं रवि प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।

वो काला एक बांसुरी वाला (Wo Kala Ek Bansuri Wala)

वो काला एक बांसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे ।

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ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियां (Thumak Chalat Ramchandra)

ठुमक चलत रामचंद्र,
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