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दादी चरणों में तेरे पड़ी, मैया (Dadi Charno Mein Tere Padi Maiya)

दादी चरणों में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

लागि नैनो में असुवन झड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


मैं तो दुखडो से हारी हूँ माँ,

थोड़ी मुझ पे इनायत भी हो,

तेरे चरणों में मैं रह सकूँ,

मुझको इतनी इजाजत माँ हो,

तेरी दरकार मुझको बड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


धुप में मैं ग़मों की जली,

दे दे आँचल की छैया मुझे,

घाव दिल पे हजारो लगे,

दादी कैसे दिखाऊं तुझे,

मेरी अँखियों में पीड़ा भरी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


‘हर्ष’ तेरे सिवा मैंने तो,

माँ किसी को पुकारा नहीं,

तेरी ‘स्वाति’ अगर रोए तो,

मैया तुझको गवारा नहीं,

तेरी चौखट पे नजरे गड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥


दादी चरणों में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

हाथ किरपा का रख दे जरा,

लागि नैनो में असुवन झड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी,

दादी चरणो में तेरे पड़ी,

मैया तुझको निहारूं खड़ी ॥

राम को देखकर श्री जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini)

राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी, बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं

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