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दिन जिंदगी के चार, चाहे कम देना (Din Jindagi ke Char Chahe kam dena)

दिन जिंदगी के चार,

चाहे कम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना,

तेरी चौखट पे,

जनम मरण देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


तेरे दरबार की,

मैं करूँ चाकरी,

दर पे भजनो से,

लगती रहे हाजरी,

मेरी अर्जी में,

थोड़ा वजन देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


एक पल ना बिसारु,

मैं बाबा तुझे,

सुख में दुःख में,

पुकारू प्रभु मैं तुझे,

मेरी वाणी में,

श्याम इतना दम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


तेरे चरणों की रज,

सदा माथे धरूँ,

तेरी सेवा में,

तनमन समर्पित करूँ,

ऐसे अच्छे तू,

मुझको करम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


जिंदगी का मेरे,

जब हो अंतिम सफर,

तेरे चरणों में,

रखा हो ‘रोमी’ का सर,

मेरे तन पे तेरे,

नाम का कफ़न देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥


दिन जिंदगी के चार,

चाहे कम देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना,

तेरी चौखट पे,

जनम मरण देना,

मुझे खाटू में अगला,

जनम देना ॥

हमें निज धर्म पर चलना सिखाती रोज रामायण (Hame Nij Dharm Par Chalna Sikhati Roj Ramayan)

हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,

रामनवमी पर रामलला की पूजा विधि

देशभर में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए, राम भक्त पूरे साल इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।

भर दों झोली मेरी गणराजा (Bhar Do Jholi Meri Ganraja)

भर दो झोली मेरी गणराजा,
लौटकर मैं ना जाऊंगा खाली,

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

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