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गणपति मेरे अँगना पधारो (Ganpati Mere Angana Padharo)

गणपति मेरे अंगना पधारो,

आस तुमसे लगाए हुए है,

काज कर दो हमारे भी पुरे,

तेरे चरणों में हम तो खड़े है,

गणपति मेरे अँगना पधारो ॥


कितनी श्रद्धा से मंडप सजाया,

अपने घर में ये उत्सव मनाया,

सच्चे मन से ये दीपक जलाया,

भोग मोदक का तुमको लगाया,

रिद्धि सिद्धि को संग लेके आओ,

हाथ जोड़े ये विनती किए है,

गणपति मेरे अँगना पधारो ॥


विघ्नहर्ता हो तुम दुःख हरते,

अपने भक्तो का मंगल हो करते,

हे चतुर्भुज हे सिद्धिविनायक,

उसकी सुखो से झोली हो भरते,

रहते शुभ लाभ संग में तुम्हारे,

हाथ पुस्तक मोदक लिए है,

गणपति मेरे अँगना पधारो ॥


करते वंदन हे गौरी के लाला,

मेरे जीवन में करदो उजाला,

पिता भोले है गणपति तुम्हारे,

सभी देवों के तुम ही हो प्यारे,

इस ‘गिरी’ की भी सुध लेलो बप्पा,

काज कितनो के तुमने किए है,

गणपति मेरे अँगना पधारो ॥


गणपति मेरे अंगना पधारो,

आस तुमसे लगाए हुए है,

काज कर दो हमारे भी पुरे,

तेरे चरणों में हम तो खड़े है,

गणपति मेरे अँगना पधारो ॥

चैत्र महीना व्रत-त्योहार लिस्ट

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है। इसे हिंदू नववर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा यह वसंत ऋतु के खत्म होने का प्रतीक भी है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। यह त्योहार हमें धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं।

परदे में बैठे, यूँ ना मुस्कुराइये (Parde Me Bethe Bethe Yun Na Muskuraiye)

परदे में बैठे-बैठे,
यूँ ना मुस्कुराइये,

श्री राम कथा की महिमा को, घर घर में पहुँचाना है (Shri Ram Katha Ki Mahima Ko Ghar Ghar Me Pahuchana Hai)

श्री राम कथा की महिमा को,
घर घर में पहुँचाना है,

जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

जगमग जगमग जोत जली है।
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