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जगमग जगमग जोत जली है, आरती श्री राम जी (Jagmag Jyot Jali Hai Shri Ram Aarti)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन/आरती।


जगमग जगमग जोत जली है।

राम आरती होन लगी है॥


भक्ति का दीपक प्रेम की बाती।

आरति संत करें दिन राती॥


आनन्द की सरिता उभरी है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


कनक सिंघासन सिया समेता।

बैठहिं राम होइ चित चेता॥


वाम भाग में जनक लली है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


आरति हनुमत के मन भावै।

राम कथा नित शंकर गावै॥


सन्तों की ये भीड़ लगी है।

जगमग जगमग जोत जली है॥


मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान (Marne Wala Hai Bhagwan Bachane Wala Hai Bhagwan)

श्रद्धा रखो जगत के लोगो,
अपने दीनानाथ में ।

किसलिए आस छोड़े कभी ना कभी (Kisliye Aas Chhauden Kabhi Na Kabhi)

किस लिए आस छोड़े कभी ना कभी,
क्षण विरह के मिलन में बदल जाएंगे ।

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

चित्रगुप्त भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चित्रगुप्त हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। उन्हें कर्मों का लेखाकार माना जाता है। वे सभी मनुष्यों के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।