नवीनतम लेख

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला (Gaura Rani Ne Japi Aisi Mala)

गौरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥


गौरा से बोले शम्भू काहे पुकारा,

गौरा जी बोली चाहूँ साथ तुम्हारा,

तुम जैसा नाथ नहीं कोई निराला,

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥


महलों की रानी तू है मैं हूँ एक जोगी,

मेरे संग गौरा तुम कैसे रहोगी,

शमशान पर्वत पे मैं रहने वाला,

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥


जहाँ रहोगे भोले मैं भी रहूंगी,

दासी तुम्हारी बनके सेवा करुँगी,

गौरा ने शिवजी को डाली वर माला,

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥


गौरा के ह्रदय में शिव जी बसे है,

जन्मो के बंधन में दोनों बंधे है,

वैरागी दोनों ने जग को संभाला,

गोरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥


गौरा रानी ने जपी ऐसी माला,

मिला है देखो डमरू वाला ॥

शीतला अष्टमी व्रत कथा

शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और नियमों का पालन करने का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।

सूर्य चालीसा (Surya Chalisa)

कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग। पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।

कार्तिगाई दीपम उत्सव से जुड़ी पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम उत्सव दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भगवान कार्तिकेय और शिव को समर्पित है। यह उत्सव तमिल माह कार्तिगाई की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, जो उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को आयोजित होता है।

श्याम के बिना तुम आधी - भजन (Shyam Ke Bina Tum Aadhi)

श्याम के बिना तुम आधी,
तुम्हारे बिना श्याम आधे,

यह भी जाने