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गौरी के पुत्र गणेंश जी, मेरे घर में पधारो (Gauri Ke Putra Ganesh Ji Mere Ghar Mein Padharo)

गौरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


दोहा – सदा भवानी दाहिनी,

सन्मुख रहे गणेश,

पाँच देव रक्षा करें,

ब्रह्मा विष्णु महेश ॥


गौरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो,

घर में पधारो,

कीर्तन में पधारो,

काटो सकल कलेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


एकदन्त दयावन्त चारभुजा धारी,

माथे सिंदूर सोहे मूस की सवारी,

हे सर्व सिद्धि सर्वेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


मोदक प्रिय मुद मंगल दाता,

विद्या वारिधि बुद्धि विधाता,

हे गणपति पुत्र उमेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


शंकर सुवन भवानी के नंदन,

चरण कमल पे शत शत वंदन,

मेरे हृदय करो प्रवेश जी,

मेरे घर में पधारो,

गोरी के पुत्र गणेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥


गौरी के पुत्र गणेंश जी,

मेरे घर में पधारो,

घर में पधारो,

कीर्तन में पधारो,

काटो सकल कलेश जी,

मेरे घर में पधारो ॥

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे (Bajrang Ke Aate 2 Kahin Bhor Ho Na Jaye Re)

बजरंग के आते आते,
कही भोर हो न जाये रे,

राम नाम ही सत्य है(Ram Naam Hi Satya Hai )

राम नाम ही सत्य है केवल,
राम का गुणगान करो,

जानें कब है विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

पापमोचनी एकादशी विष्णु पूजा विधि

पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।

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