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हर घडी भोले दिल में, रहा कीजिये - भजन (Har Ghadi Bhole Dil Mein Raha Kijiye)

हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

मुझको भी निभाना,

वचन दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

जो भी आप चाहे वही कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

बालक हूँ तुम्हारा क्षमा कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

कोशिश ये हमारी सफल कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥

श्री राम तेरी महिमा से - भजन (Shri Ram Teri Mahima Se)

श्री राम तेरी महिमा से,
काम हो गया है,

आमलकी एकादशी पर आंवल के उपाय

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आमलकी एकादशी का व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रखते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक व्रत रख भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

विश्वेश्वर व्रत कथा

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क्या है वैदिक मंत्र पढ़ने के नियम?

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