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हर घडी भोले दिल में, रहा कीजिये - भजन (Har Ghadi Bhole Dil Mein Raha Kijiye)

हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

मुझको भी निभाना,

वचन दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

जो भी आप चाहे वही कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

बालक हूँ तुम्हारा क्षमा कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

कोशिश ये हमारी सफल कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

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माँ मैं खड़ा द्वारे पे पल पल(Maa Main Khada Dwar Tere)

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मैं भी आया हू,

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हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,

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