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हे गणनायक सब सुखदायक, करो विघ्न सब दूर (Hey Gannayak Sab Sukh Dayak Karo Vigan Sab Dur)

हे गणनायक सब सुखदायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥


रणत भवर गढ़ वास करो,

रिद्धि सिद्धि भंडार भरो,

प्रथम निमंत्रण स्वीकारो,

अटके कारज सिद्ध करो,

शिव गिरजा के कुंवर लाड़ला,

शिव गिरजा के कुंवर लाड़ला,

आस हमारी पुर,

शरण तेरी आए है,

हे गण नायक सब सुख दायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥


स्वर्ण छत्र सिर पर धारी,

शोभित मुकुट छटा न्यारी,

चमक रह्या कुण्डल भारी,

मणि माला लागे प्यारी,

रत्न जड़ित पहने पैंजनिया,

रत्न जड़ित पहने पैंजनिया,

नैनन बरसे नूर,

शरण तेरी आए है,

हे गण नायक सब सुख दायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥


मखमल वस्त्र बदन सोहे,

कुमकुम तिलक नयन मोहे,

माँ जगदम्बा लाड़ करे,

ठुमक ठुमक कर नृत्य करे,

सुर किन्नर यश गान सुनावे,

सुर किन्नर यश गान सुनावे,

दर्शन दो भरपूर,

शरण तेरी आए है,

हे गण नायक सब सुख दायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥


मूषक वाहन है तेरा,

सूंड निराली सोहे है,

ऐसा अनुपम रूप तेरा,

देखत ही मन मोहे है,

बुद्धि बल से सब देवन का,

बुद्धि बल से सब देवन का,

किया मान मद चूर,

शरण तेरी आए है,

हे गण नायक सब सुख दायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥


हे गणनायक सब सुखदायक,

करो विघ्न सब दूर,

शरण तेरी आए है ॥

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी: भजन (Balaji Mhara Kasht Niwaro Ji)

बालाजी म्हारा कष्ट निवारो जी,
दुखड़ा का मारया हाँ,

कैसी यह देर लगाई दुर्गे... (Kaisi Yeh Der Lagayi Durge)

कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
भव सागर में घिरा पड़ा हूँ, काम आदि गृह में घिरा पड़ा हूँ।

भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम

श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं। इन्हें, केशव, कन्हैया, श्याम, गोपाल, द्वारकेश या द्वारकाधीश और वासुदेव इत्यादि नामों से भी जाना है। श्रीकृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। कृष्ण वासुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे।

आज अयोध्या की गलियों में, घुमे जोगी मतवाला: भजन (Aaj Ayodhya Ki Galiyon Mein Ghume Jogi Matwala)

आज अयोध्या की गलियों में,
घुमे जोगी मतवाला,

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