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होरी खेली न जाय (Hori Kheli Na Jaay)

नैनन में पिचकारी दई,

मोय गारी दई,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय,

क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,

ठाड़ौ मुस्काय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


नेक नकान करत काहू की,

नजर बचावै भैया बलदाऊ की,

पनघट सौ घर लौं बतराय,

घर लौं बतराय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


औचक कुचन कुमकुमा मारै,

रंग सुरंग सीस ते ढारै,

यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,

सुनि सासु रिसियाय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥


होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,

सालिगराम कौन याहि हटके,

अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,

होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय,

होरी खेली न जाय ॥

सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश

सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। इनके राशि बदलने से मनुष्य समेत प्रकृति पर भी प्रभाव पड़ता है। बीते 14 जनवरी को सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद सूर्य उत्तरायण हो गए और शुभ दिन शुरू हुआ।

आना हो श्री गणेशा, मेरे भी घर में आना (Aana Ho Shri Ganesha Mere Bhi Ghar Mein Aana)

आना हो श्री गणेशा,
मेरे भी घर में आना,

सब रस रंग भरे है, रामायण जी में (Sab Ras Rang Bhare Hain Ramayan Ji Mein)

सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

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