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इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे(Itni Vinti Hai Tumse Hai Bhole Mere)

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

जैसे अब तक निभाई है तुमने प्रभु,

जैसे अब तक निभाई है तुमने प्रभु,

वैसे ही आगे और निभा लेना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥


अच्छा हूँ बुरा हूँ खोटा हूँ खरा,

जैसा भी हूँ हे शम्भू मैं बस हूँ तेरा,

जो भी देनी हो दे देना मुझको सजा,

जो भी देनी हो दे देना मुझको सजा,

अपनी नजरो से मत ना गिरा देना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥


ऐसी सुबह न हो ना कोई शाम हो,

मेरे होंठो पे जब ना तेरा नाम हो,

जिस घडी तेरे चरणों का ना ध्यान हो,

जिस घडी तेरे चरणों का ना ध्यान हो,

उसके पहले ही मुझको उठा लेना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥


आज जो भी है बस वो दिया आपने,

मेरी हस्ती है क्या सब किया आपने,

हाथ फैले किसी ओर के सामने,

हाथ फैले किसी ओर के सामने,

जिंदगी में वो दिन ना दिखा देना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥


जोड़ के हाथ ये ही है अर्जी मेरी,

इससे आगे मेरे नाथ मर्जी तेरी,

जब भी आए जीवन की घडी आखरी,

जब भी आए जीवन की घडी आखरी,

उस घडी बस मुझे मत भुला देना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥


इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

जैसे अब तक निभाई है तुमने प्रभु,

जैसे अब तक निभाई है तुमने प्रभु,

वैसे ही आगे और निभा लेना तुम,

इतनी विनती हैं तुमसे हे भोले मेरे,

थाम के हाथ अब ना छुड़ा लेना तुम,

इतनी विनती है तुमसे हे भोले मेरे ॥

ये श्री बालाजी महाराज है, रखते भक्तो की ये लाज है (Ye Shree Balaji Maharaj Hai Rakhte Bhakto Ki Ye Laaj Hai)

ये श्री बालाजी महाराज है,
रखते भक्तो की ये लाज है,

पौष पूर्णिमा व्रत कथा

पूर्णिमा यानी शुक्ल पक्ष का 15वां दिन। यह महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

कार्तिगाई दीपम पौराणिक कथा

कार्तिगाई दीपम का पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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