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जय गणेश जय मेरें देवा (Jai Ganesh Jai Mere Deva)

जय गणेश जय मेरे देवा ॥


श्लोक – वक्रतुण्ड महाकाय,

सूर्यकोटि समप्रभ,

निर्विघ्नं कुरु मे देव,

सर्वकार्येषु सर्वदा ॥


जय गणेश जय मेरे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

माता जाकी पार्वती है,

माता जाकी पार्वती है,

पिता महादेवा रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


एकदंत दयावन्त,

चार भुजाधारी देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

शुभ कारज में,

पहले करूँ मैं पूजा तेरी ॥


माथे सिन्दूर सोहे,

मूसे की सवारी रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


पान चढ़े फूल चढ़े,

और चढ़े मेवा रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


लड्डुअन का भोग लगे,

सन्त करें सेवा रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


अंधन को आंख दे तू,

कोढ़िन को काया रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


बांझन को पुत्र देवे,

निर्धन को माया रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥


जय गणेश जय मेरें देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा,

माता जाकी पार्वती है,

माता जाकी पार्वती है,

पिता महादेवा रे देवा,

जय गणेश जय मेरें देवा ॥

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,

मत्स्य अवतार की पूजा कैसे करें?

मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से प्रथम है। मत्स्य का अर्थ है मछली। इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली के रूप में आकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनती है

मकर संक्रांति का त्योहार आगामी 14 जनवरी को है। देश के कई हिस्सों में इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति संबंधित है।

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