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कभी भूलू ना.. मेरे राधा रमण (Kabhi Bhoolun Na Radha Raman Mere)

कभी भूलू ना कभी भूलू ना

कभी भूलू ना याद तुम्हारी

रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


सिर मोर मुकुट कानन कुन्दल,

दो चंचल नैन कटारे

मुख कमल से भवरे बने,

केश लहराये काले काले

हो जाओ प्रकट मन हृदय मे,

करो दिल के दूर अन्धेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


कभी भूलू ना कभी भूलू ना

कभी भूलू ना याद तुम्हारी

रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


गल सोहे रही मोतिन माला,

अधरो पर मुरली सजाये

करे घायल तिरछी चितवन से,

मुस्कान से चैन चुराये

हो भक्तो के सिर ताज सिंधु,

राधा रानी के चेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


कभी भूलू ना कभी भूलू ना

कभी भूलू ना याद तुम्हारी

रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


अपनी आँचल की छाया मे,

करूणामयी मुझे छिपा लो

मैं जन्म जन्म से भटका हूँ,

मेरे नाथ मुझे अपना लो

मेरे नाथ, मेरे नाथ, मेरे नाथ

प्राणेशरमण तुम संग मेरे,

हृदयशरमण तुम संग मेरे

हैं जन्म जन्म के तेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण


कभी भूलू ना कभी भूलू ना

कभी भूलू ना याद तुम्हारी

रटू तेरा नाम मैं साँझ सवेरे

राधा रमण मेरे, राधा रमण

राधा रमण मेरे, राधा रमण

आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..: भजन (Ajaa Nand Ke Dulare)

आजाआ... ओओओ...
आजा.. नंद के दुलारे हो..हो..

तेरे द्वार खड़ा भगवान, भक्त भर (Tere Dwaar Khada Bhagawan Bhagat Bhar De Re Jholi)

तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।

शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है।

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