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मिश्री से भी मीठा नाम तेरा(Mishri Se Bhi Meetha Naam Tera)

मिश्री से भी मीठा नाम तेरा,

तेरा जी मैया,

ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी,

तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥


तेरे दर्श से माँ अमृत की धारा,

हाँ झर झर बरस रही,

तेरे दर्शन पाने को मईया,

है दुनिया तरस रही,

मैने लिख दी अर्जी,

मैया मैने भी लिख दी माता अर्जी,

अर्जी जी मैया आगे जो तेरी मर्ज़ी,

अर्जी पे मेरी गौर तो करो,

माँ शेरावालिये

मिशरी से भी मीठा नाम तेरा,

तेरा जी मैया,

ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी,

तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥


सदा आती पहाड़ो से तेरे,

मैयाजी हवा सुखो से भरी,

बाटे खुशियाँ तू भक्तो को अपने,

माँ तुझ सा दयालु ना कोई,

तूने है बनाई, तूने है बनाई,

माँ तूने बनाई सारी सृष्टि सृष्टिजी,

माता चाहूँ मैं बस दया की दृष्टि दृष्टिजी,

करो मुझपे मेहरो की मेहरावालिये,

मिशरी से भी मीठा नाम तेरा,

तेरा जी मैया,

ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी,

तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥


तेरी ज्योत माँ न्यारी न्यारी,

है जगमग सदियो से,

सारी दुनिया में तेरी चर्चा,

मैं देख रहा अंखियों से,

कोमल है बालक, कोमल है बालक,

माँ कोमलजी बालक माता तेरा तेरा जी,

‘लख्खा’ डाल दिया तेरे दर डेरा डेराजी,

मईया जाऊंगा ना खाली शेरावालिये,

मिशरी से भी मीठा नाम तेरा,

तेरा जी मैया,

ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी,

तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥


मिश्री से भी मीठा नाम तेरा,

तेरा जी मैया,

ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी,

तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥

Shri Batuk Bhairav Chalisa (श्री बटुक भैरव चालीसा)

श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥

पापमोचनी एकादशी कब है?

पापमोचनी एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह एकादशी फाल्गुन और चैत्र मास के संधिकाल में आती है और इसे साल की अंतिम एकादशी भी माना जाता है।

देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,
खुद विष पि जाते है,

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

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