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कहकर तो देख माँ से, दुःख दर्द तेरे दिल के (Kah Kar To Dekh Maa Se Dukh Dard Tere Dil Ke)

कहकर तो देख माँ से,

दुःख दर्द तेरे दिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


मेरी माँ ये भोला मन,

दया करुणा का है संगम,

गंगा की तरह है पावन,

ये माँ का प्यार अपनापन,

टल जाएगी मुसीबत,

एक बार माँ से मिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


दुनिया में कही ना देखा,

है माँ का प्यार ऐसा,

तड़प उठता है दिल इसका,

कही पर जो लाल है रोता,

फट जाता है कलेजा,

आँखों से आंसू छलके,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


कहता ‘सोनू’ गर मानो,

कही भटको ना दीवानों,

है जग जननी यही जानो,

तुम इसकी प्रीत पहचानो,

चाहे तो पल में तेरी,

मैया तक़दीर बदल दे,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥


कहकर तो देख माँ से,

दुःख दर्द तेरे दिल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के,

ये गले से लगा लेगी,

तस्वीर से निकल के ॥

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा(Nakoda Ke Bhairav Tumko Aana Hoga)

नाकोड़ा के भैरव तुमको आना होगा,
डम डम डमरू बजाना होगा ।

विजया एकादशी व्रत कथा 2025

हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

सात्विक मंत्र क्या है?

हिंदू धर्म और सनातन परंपरा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इनके उच्चारण से ना सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति होती है। बल्कि, यह मानसिक और शारीरिक शांति भी प्रदान करता है।

रामदूत महावीर हनुमान, स्वीकारो (Ramdoot Mahavir Hanuman Sweekaro)

प्रनवउँ पवनकुमार,
खल बन पावक ग्यान घन,