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कई जन्मों से बुला रही हूँ (Kai Janmo Se Bula Rahi Hun)

कई जन्मों से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा,

नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,

मेरी नजर का कुसूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


तुम ही तो मेरे मात पिता हो,

तुम ही तो मेरे बंधु सखा हो,

कितने नाते तुम संग जोडे,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


तुम ही तो मेरी आत्मा हो,

तुम ही तो मेरे परमात्मा हो,

मुझी में रहकर मुझी से पर्दा,

पर्दा हटाना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


कभी बुलाते हो वृंदावन में,

कभी बुलाते हो मधुबन में,

अपने घर में रोज बुलाते,

मेरे घर आना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


आंखों में बस गई तस्वीर तेरी,

दिल मेरा बन गया जागीर तेरी,

दास की विनती तुम्हारे आगे,

दर्श दिखाना जरूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


कई जन्मों से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा,

नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,

मेरी नजर का कुसूर होगा ।

कई जन्मो से बुला रही हूँ,

कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥


मोहन से दिल क्यूँ लगाया है(Mohan Se Dil Kyun Lagaya Hai)

मोहन से दिल क्यूँ लगाया है,
ये मैं जानू या वो जाने,

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त

अमावस्या की तिथि पितरों के तर्पण और उनकी पूजा-अर्चना के लिए शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या किसी सोमवार को पड़ती है, तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है।

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

जीमो जीमो साँवरिया थे (Jeemo Jeemo Sanwariya Thye)

जीमो जीमो साँवरिया थे,
आओ भोग लगाओ जी,

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