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कान्हा तेरी कबसे बाट निहारूं - भजन (Kanha Teri Kabse Baat Niharun)

कान्हा तेरी कबसे,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


बांध ली कान्हा तोसे,

प्रीत की डोरी,

सुलझे ना मोसे अब,

उलझन मोरी,

हरदम याद सताती है,

अखियां जल बरसाती है,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


होके तेरी सुख,

चैन गवाया,

इसके सिवा मैंने,

कुछ नहीं पाया,

मोहे बस तू मिल जाए रे,

चाहे सब कुछ छीन जाए रे,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


दिल में बिठाना चाहे,

चरणी लगाना,

अपने करीब पर,

दे दो ठिकाना,

ना तोसे दूर है जाना रे,

समझ ले इतना कान्हा रे,

कान्हा तेरी कब से,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


कान्हा तेरी कबसे,

बाट निहारूं,

बाट निहारू तुझे,

पल पल पुकारूँ ॥


गुरु दक्षिणा पूजा विधि

गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।

बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए (Beta Jo Bulaye Maa Ko Aana Chahiye)

मैया जी के चरणों मे ठिकाना चाहिए।
बेटा जो बुलाए माँ को आना चाहिए॥

मां दुर्गा की पूजा इस विधि से करें

मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है।

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

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