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करो हरी का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती हे (Karo Hari Ka Bhajan Pyare, Umariya Beeti Jati Hai)

करो हरी का भजन प्यारे,

उमरिया बीती जाती हे,

पूरब शुभ कर्म करी आया,

मनुष्य तन पृथ्वी पर पाया,

फिर विषयो से भरमाया,

मौत याद नहीं आती हे ,

करो हरी का भजन प्यारे!


बालपन खेल में खोया,

जोबन में काम बस होया ;

बुढ़ापा खाट पर सोया,

आस मन को सतानि हे,

करो हरी का भजन प्यारे!


कुटुंब परिवार सूत दारा,

स्वप्न सम देख जग सारा ;

माया का जाल बिस्तारा ,

नहीं ये संग जाती हे

करो हरी का भजन प्यारे!


जो हरी के चरण चित लावे,

सो भवसागर से तर जावे ;

ब्रह्मानंद मोक्ष पद पावे,

वेद वानी सुनाती हे

करो हरी का भजन प्यारे!

मैं सहारे तेरे, श्याम प्यारे मेरे (Main Sahare Tere, Shyam Pyare Mere)

मैं सहारे तेरे,
श्याम प्यारे मेरे,

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा (Banke Bihari Re Door Karo Dukh Mera)

बांके बिहारी रे दूर करो दुख मेरा,
दूर करो दुख मेरा, बिहारी जी,

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

प्रदोष व्रत के खास उपाय क्या हैं?

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जो हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जो शिव भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है।

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