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कुछ पल तो निकालों, भोले के दरबार के लिए (Kuch Pal To Nikalo Bhole Ke Darbar Ke Liye)

ये जिंदगी मिली है,

दिन चार के लिए,

कुछ पल तो निकालो,

भोले के दरबार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

भोले के दरबार के लिए ॥


कई पूण्य किये होंगे जो,

ये मानव तन है पाया,

पर भूल गए भगवन को,

माया में मन भरमाया,

अब तक तो जीते आएं,

अब तक तो जीते आएं,

है परिवार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

बाबा के दरबार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

भोले के दरबार के लिए ॥


तूने पाई पाई जोड़ी,

कोई कमी कही ना छोड़ी,

पर संग में सुन ले तेरे,

ना जाए फूटी कोड़ी,

कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,

कुछ धरम पूण्य तो जोड़ो,

उस पार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

बाबा के दरबार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

भोले के दरबार के लिए ॥


ये जग है एक सराए,

कोई आए कोई जाए,

इसका दस्तूर पुराना,

कोई सदा ना टिकने वाला,

‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,

‘गजेसिंह’ शिवजी को भजलो,

उद्धार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

बाबा के दरबार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

भोले के दरबार के लिए ॥


ये जिंदगी मिली है,

दिन चार के लिए,

कुछ पल तो निकालो,

भोले के दरबार के लिए,

कुछ पल तो निकालों,

भोले के दरबार के लिए ॥


माघ शुक्ल की जया नाम की एकादशी (Magh Shukal Ki Jya Naam Ki Ekadashi)

पाण्डुनन्दन भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़ कर नम्रता पूर्वक बोले हे नाथ ! अब आप कृपा कर मुझसे माघ शुक्ल एकादशी का वर्णन कीजिए उस व्रत को करने से क्या पुण्य फल होता है।

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे (Kanha Re Thoda Sa Pyar De)

कान्हा रे थोडा सा प्यार दे,
चरणो मे बैठा के तार दे,

जानकी जयंती पर चौपाइयों का पाठ

जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

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