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महाकाल गंगाधर मेरे (Mahakal Gangadhar Mere)

अब कोई ना सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥


तूने लाखों पापी तारे है,

नहीं गुण और दोष विचारे है,

मैं भी आन पड़ा दर तेरे,

मैं भी आन पड़ा दर तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे,

अब कोईं न सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥


विषयो के जाल में फसकर के,

झूठी उल्फत में धंसकर के,

दुःख पाए नाथ घनेरे,

दुःख पाए नाथ घनेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे,

अब कोईं न सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥


तू दीन बंधू हितकारी है,

हम दुखिया शरण तिहारी है,

हम दीन हिन है तेरे,

हम दीन हिन है तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे,

अब कोईं न सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥


भक्त तेरी शरण में आया है,

आके चरणों में शीश झुकाया है,

काटो जनम मरण के फेरे,

काटो जनम मरण के फेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे,

अब कोईं न सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥


अब कोई ना सहारा बिन तेरे,

महाकाल गंगाधर मेरे ॥

दीवाली से पहले खरीदारी का श्रेष्ठ मुहूर्त

24 अक्टूबर को खरीदारी के लिए दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसे ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

राम नाम जपते रहो, जब तक घट घट मे प्राण (Ram Nam Japte Raho, Jab Tak Ghat Ghat Me Ram)

राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना (Mujhe Jhunjhunu Me Agla Janam Dena)

मेरी भक्ति के बदले वचन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥

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