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मैया के चरणों में, झुकता है संसार (Maiya Ke Charno Me Jhukta Hai Sansar)

मैया के चरणों में,

झुकता है संसार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


सुख में तो मैया तुझसे,

दूर रहा मैं,

धन पद यश के मद में,

चूर रहा मैं,

जब दुःख ने सताया,

तो आया तेरे द्वार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


रक्त बीज को मैया,

तुमने ही मारा,

शुम्भ निशुम्भ को मैया,

तूने ही संहारा,

निर्मल मन से करती,

माँ भक्तों पे उपकार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


भक्ति भाव से जो भी,

शीश झुका दे,

दुनिया का वैभव माँ तू,

उसपे लुटा दे,

‘अनुज सतेंद्र’ बखाने,

तेरी महिमा अपरम्पार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥


मैया के चरणों में,

झुकता है संसार,

तीनों लोक में होती,

माँ तेरी जय जयकार ॥

तुम जो कृपा करो तो, मिट जाये विपदा सारी(Tum Jo Kripa Karo To Mit Jaye Vipda Sari)

तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,

जयकारा, मेरे केदारेश्वराय जय कारा (JaiKara Mere Kedareshwaray Jai Kara)

संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्,
सदावसन्तं हृदयारविन्दे,

मौनी अमावस्या के दिन तुलसी को क्या चढ़ाएं

मौनी अमावस्या का दिन पूजा-पाठ, अनुष्ठान और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर किए गए उपायों से 100 वर्षों के दान के बराबर पुण्य मिलता है।

कुंभ संक्रांति पौराणिक कथा

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने अपना राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है।

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