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मेरा कोई न सहारा बिन तेरे (Mera Koi Na Sahara Bin Tere)

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे,

मैं तो जनम जनम भटका हूँ,

जगा दे अब भाग्य मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे ॥


छोड़ दुनिया के सारे झूठे नाते,

भोले मैं तेरे द्वार आ गया,

मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,

मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,

मिटा दे सब दुःख मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


मेरे पांवो में पड़े है देखो छाले,

तेरे दर आते आते,

तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,

तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,

लगाने आया मैं हूँ डेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


तेरे चरणों में जीवन बीते,

यही है विनती मेरी,

मेरी विनती स्वीकार तू करना,

मेरी विनती स्वीकार तू करना,

हे शिव शंकर मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे ॥


मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,

ओ शिव शंकर मेरे,

ओ भोले बाबा मेरे,

मैं तो जनम जनम भटका हूँ,

जगा दे अब भाग्य मेरे,

ओ शिव शंकर मेरे ॥

शिवरात्रि की महिमा अपार (Shivratri Ki Mahima Apaar)

शिवरात्रि की महिमा अपार,
पूजा शिव की करो,

जानकी जयंती पर मां सीता की विशेष पूजा

हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। यह दिन भगवान राम की पत्नी मां सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है

रंग पंचमी भारत का एक प्रमुख रंगीन त्योहार है, जो होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की होली से जोड़कर देखा जाता है।

काशी के कोतवाल काल भैरव

काशी के राजा भगवान विश्वनाथ और कोतवाल भगवान काल भैरव की जोड़ी हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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