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मेरे घर गणपति जी है आए (Mere Ghar Ganpati Ji Hai Aaye)

मेरे घर गणपति जी है आए,

मेरे घर गणपति जी है आये,

मैं अपने दुःख को,

मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,

वो खुशियां अपने साथ है लाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,

मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,

मैं तिलक करूँ उनको चन्दन का,

मेरा मन हरपल यही गाए,

मेरा मन हरपल यही गाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


दयालु है वो है कृपालु,

दयालु है वो है कृपालु,

उन्ही की महिमा गाए श्रद्धालु,

वो देखो मेरे घर है आए,

वो देखो मेरे घर है आए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,

है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,

नारद मुनि उनकी महिमा गाए,

वो जग के स्वामी अंतर्यामी,

वो जग के स्वामी अंतर्यामी,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


निर्बल बल निर्धन धन है पाते,

निर्बल बल निर्धन धन है पाते,

वो सर्वप्रथम है पूजे जाते,

बड़ी सब महिमा उनकी गाए,

बड़ी सब महिमा उनकी गाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


करूँ किस मन से मैं विसर्जन,

करूँ किस मन से मैं विसर्जन,

हे गजमुख मेरे गौरी नंदन,

फिर से पर्व ये जल्दी आए,

फिर से पर्व ये जल्दी आए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


मेरे घर गणपति जी है आए,

मेरे घर गणपति जी है आये,

मैं अपने दुःख को,

मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,

वो खुशियां अपने साथ है लाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥

बसंत पंचमी पर गुलाल क्यों चढ़ाते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है - शब्द कीर्तन (So Satguru Pyara Mere Naal Hai)

सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,
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राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा (Radha Dundh Rahi Kisine Mera Shyam Dekha)

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा,
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दर्श अमावस्या के खास उपाय

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