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मेरे घर गणपति जी है आए (Mere Ghar Ganpati Ji Hai Aaye)

मेरे घर गणपति जी है आए,

मेरे घर गणपति जी है आये,

मैं अपने दुःख को,

मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,

वो खुशियां अपने साथ है लाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,

मैं भोग लगाऊं उन्हें मोदक का,

मैं तिलक करूँ उनको चन्दन का,

मेरा मन हरपल यही गाए,

मेरा मन हरपल यही गाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


दयालु है वो है कृपालु,

दयालु है वो है कृपालु,

उन्ही की महिमा गाए श्रद्धालु,

वो देखो मेरे घर है आए,

वो देखो मेरे घर है आए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,

है ब्रम्हा जी भी उनको ध्याये,

नारद मुनि उनकी महिमा गाए,

वो जग के स्वामी अंतर्यामी,

वो जग के स्वामी अंतर्यामी,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


निर्बल बल निर्धन धन है पाते,

निर्बल बल निर्धन धन है पाते,

वो सर्वप्रथम है पूजे जाते,

बड़ी सब महिमा उनकी गाए,

बड़ी सब महिमा उनकी गाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


करूँ किस मन से मैं विसर्जन,

करूँ किस मन से मैं विसर्जन,

हे गजमुख मेरे गौरी नंदन,

फिर से पर्व ये जल्दी आए,

फिर से पर्व ये जल्दी आए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥


मेरे घर गणपति जी है आए,

मेरे घर गणपति जी है आये,

मैं अपने दुःख को,

मैं अपने दुःख को हूँ बिसराये,

वो खुशियां अपने साथ है लाए,

मेरे घर गणपति जी है आए ॥

अथ कीलकम् (Ath Keelakam)

कीलकम् का पाठ देवी कवचम् और अर्गला स्तोत्रम् के बाद किया जाता है और इसके बाद वेदोक्तम रात्रि सूक्तम् का पाठ किया जाता है। कीलकम् एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जो चण्डी पाठ से पहले सुनाया जाता है।

आओ राम भक्त हनुमान, हमारे घर कीर्तन में (Aao Ram Bhakt Hanuman, Hamare Ghar Kirtan Mein)

आओ राम भक्त हनुमान,
हमारे घर कीर्तन में,

प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी (Pyara Saja Hai Tera Dwar Bhawani)

दरबार तेरा दरबारों में इक खास एहमियत रखता है
उसको वैसा मिल जाता है जो जैसी नीयत रखता है